हमारा मुख्य ध्येय क्या हो?
हम एक विशाल देश में निवास करते हैं, जिसमें अनेक धर्म, जाति एवं नस्ल के लोग एक साथ रहकर भारतीयता को अभिव्यक्त करते हैं। आज की आवश्यकता यह है कि हम अपने नागरिकों में एक नया दृष्टिकोण और आत्मविश्वास पैदा करें, ताकि वे सच्चे अर्थों में स्वयं को भारतीय साबित कर सकें।
यह पुनीत कार्य हमारे संविधान के माध्यम से संपन्न हो सकता है, क्योंकि संविधान ही हमारे लोकतांत्रिक जीवन का आधार स्तम्भ है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारा संविधान समाज की अंतिम पंक्ति तक अभी पहंचने में समर्थ नहीं हो पाया है।
वास्तव में देखा जाए तो समाज में आदर्श नागरिक निर्माण करने की पहल तभी शुरू हो सकती है, जब हम अपने लोगों को संविधान का सही अर्थ समझा पाएं। मानवीय मूल्यों की रक्षा करने, राष्ट्र को सशक्त बनाने, समता एवं बंधुत्व को आधार देने आदि के लिए संविधान का ज्ञान होना नितान्त आवश्यक है।
भारतीय संविधान एक ऐसा ग्रंथ है, जो हमारे राष्ट्र की आत्मा को प्रकट करता है, साथ ही यह हमारे कर्तव्यों तथा अधिकारों की सही ढंग से व्याख्या भी करता है। इसके माध्यम से हम अपनी सही राह चुनते हुए, राष्ट्र को उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त कर सकते हैं। अतः आज आवश्यकता इस बात की है कि हमारे देश का प्रत्येक नागरिक संविधान को भलीभांति समझे और उसके आशय को आत्मसात करे। यही हमारा मुख्य ध्येय होना चाहिए।